सफ़र में मुश्किले आये तो जुर्रत और बढती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढती है और, मेरी कमजोरियों पर जब कोई तनकीत करता है वो दुश्मन क्यों ना हो, उससे मोहब्बत और बढती है........


इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है ----------